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शिक्षकों को गाली देकर बुरे फंसे केके पाठक ! विधान परिषद सभापति ने लिया एक्शन, पांच सदस्यीय टीम गठित

पटना. शिक्षकों को गाली देने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के0के0 पाठक के कथित वायरल वीडियो की जांच की जाएगी. बिहार विधान परिषद में बुधवार को इस मुद्दे पर एक साथ सभी दलों के एमएलसी जब आगबबूला हुए तो विधान परिषद सभापति ने एक्शन लिया. उन्होंने इस मुद्दे पर पांच सदस्य टीम गठित की है. बीजेपी एमएलसी संजय मयूख ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के वायरल वीडियो पर विधान मंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। संजय मयूख ने विधान परिषद की कार्रवाई के दौरान के के पाठक के वायरल वीडियो को लेकर सदन में सवाल किया. संजय मयूख ने कहा केके पाठक हमारे गुरुजनों का अपमान कर रहे हैं। हमने अपने विद्यालय में गुरुजनों से शिक्षा ग्रहण की है और उन गुरुओं को अधिकारी इस तरह से अपमानित कर रहे हैं वह बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर हम लोगों ने सदन में उठाया है सभापति ने हमें आश्वासन दिया है की पांच सदस्य टीम वायरल वीडियो की जांच करेगी यदि उनमें वह दोषी पाए जाते हैं तो सदन उन पर कार्रवाई करेगा।

इसके पहले, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ बुधवार को एकसुर में बिहार विधान परिषद में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने कार्रवाई की मांग की. केके पाठक से जुड़े एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए सदस्यों ने कहा कि इसमें राज्य के शिक्षकों को केके पाठक गाली दे रहे हैं. दर्जनों ने एमएलसी ने एक साथ खड़े होकर कहा केके पाठक लगातार गाली दे रहे है. उनका वीडियो-ऑडियो वायरल है. विधान परिषद के अध्यक्ष से सदस्यों ने सदन में वीडियो-ऑडियो क्लिप सुनाने की मांग की. एमएलसी संजय कुमार सिंह ने वायरल क्लिप के एक हिस्से का हवाला देते हुए कहा कि केके पाठक इसमें गाली देते हुए कह रहे हैं ‘ये साले शिक्षक को नौ बजे लाओ, साफ सफाई करवाओ’.

इसी तरह संजीव कुमार सिंह, संजय प्रकाश, अजय कुमार सिंह, जीवन कुमार, महेश्वर सिंह, संजय कुमार सिंह, शाहनवाज हुसैन, गुलाम गौस, डॉ राजेन्द्र कुमार गुप्ता, रीना देवी, हरी सहनी आदि ने दलीय भावना से उठकर एक साथ केके पाठक पर कार्रवाई करने की मांग की. सदस्यों ने इसे सदन की गरिमा के खिलाफ और शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध करार दिया. सभी एमएलसी ने कहा कि केके पाठक पहले भी इसी तरह अपने विवादित बयानों से सदन का अपमान करते रहे हैं. वे एमएलसी के खिलाफ एक्शन ले चुके हैं. इसकी शिकायत एमएलसी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से भी की थी जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं. बावजूद इसके अभी तक केके पाठक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सदस्यों ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार के किसी बड़े लोग का हाथ इस अधिकारी पर है.

विधान परिषद सदस्यों की चिताओं पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार पूरी गम्भीरता से आपकी चिंताओं को सुन रही है. गलत परम्परा की शुरुआत नहीं होनी चाहिए. सभी को आसन पर भरोसा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधान परिषद के सभापति इस पर सरकार को अपना सुझाव दें फिर सरकार देखेगी. इस पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि सदस्यों की भावनाओं से अवगत हूँ.

उन्होंने कहा कि जिस वायरल क्लिप को यहां दिया गया है उसे मेरे कक्ष में देखा जाएगा. शिक्षा मंत्री, विपक्ष के नेता सहित पांच-छह सदस्य मिलकर साथ में उसे देखेंगे और उसके बाद निर्णय लिया जाए. उन्होंने सदन को भरोसा दिया कि अगर अधिकारी (केके पाठक) कुछ अमर्यादित और असंसदीय कहा है तो इसे विशेषाधिकार के तहत देखा जाएगा.

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